उड़ती है ख़ाक दिल के दरीचों के आस-पास By Sher << लोग न जाने कैसी कैसी बाते... वो आदमी जो किसी पर सितम न... >> उड़ती है ख़ाक दिल के दरीचों के आस-पास शायद मकीन कोई नहीं इस मकान में Share on: