उगल न संग-ए-मलामत ख़ुदा से डर नासेह By Sher << इस घर की सारी दीवारें शीश... मौत के ब'अद भी मरने प... >> उगल न संग-ए-मलामत ख़ुदा से डर नासेह मिलेगा क्या तुझे शीशों के टूट जाने से Share on: