उजाड़ तपती हुई राह में भटकने लगी By Sher << वो अंधी राह में बीनाइयाँ ... शफ़क़ सी फिर कोई उतरी है ... >> उजाड़ तपती हुई राह में भटकने लगी न जाने फूल ने क्या कह दिया था तितली से Share on: