उम्र का कोह-ए-गिराँ और शब-ओ-रोज़ मिरे By Sher << रख दिया वक़्त ने आईना बना... किस से जा कर माँगिये दर्द... >> उम्र का कोह-ए-गिराँ और शब-ओ-रोज़ मिरे ये वो पत्थर है जो कटता नहीं आसानी से Share on: