उन की निगाह-ए-लुत्फ़ की तासीर क्या कहूँ By Sher << लोग मुझ को मिरे आहंग से प... रोज़ बस्ते हैं कई शहर नए >> उन की निगाह-ए-लुत्फ़ की तासीर क्या कहूँ ज़र्रे को आफ़्ताब बना कर चले गए Share on: