उन को भी तिरे इश्क़ ने बे-पर्दा फिराया By Sher << उस गुल का पता गर नहीं देत... उम्र सय्याद की गुज़री इसी... >> उन को भी तिरे इश्क़ ने बे-पर्दा फिराया जो पर्दा-नशीं औरतें रुस्वा न हुईं थीं Share on: