उन को ऐ नर्म हवा ख़्वाब-ए-जुनूँ से न जगा By Sher << वफ़ा की रात कोई इत्तिफ़ाक... तिलिस्म-ए-शेवा-ए-याराँ खु... >> उन को ऐ नर्म हवा ख़्वाब-ए-जुनूँ से न जगा रात मय-ख़ाने की आए हैं गुज़ारे हुए लोग Share on: