उन से भी पूछिए कभी अपनी ज़मीं का कर्ब By Sher << काश दौलत-ए-ग़म ही अपने पा... अपने हाथों की लकीरों में ... >> उन से भी पूछिए कभी अपनी ज़मीं का कर्ब जो साहिलों को छोड़ के दरिया में आ गए Share on: