उस गुल को भेजना है मुझे ख़त सबा के हाथ By Sher << मैं किनारे पे खड़ा हूँ तो... डर है कहीं मैं दश्त की जा... >> उस गुल को भेजना है मुझे ख़त सबा के हाथ इस वास्ते लगा हूँ चमन की हवा के हाथ Share on: