उस ज़ुल्फ़ पे फबती शब-ए-दीजूर की सूझी By Sher << तेरे आते ही देख राहत-ए-जा... वो जंगलों में दरख़्तों पे... >> उस ज़ुल्फ़ पे फबती शब-ए-दीजूर की सूझी अंधे को अँधेरे में बड़ी दूर की सूझी Share on: