उस के डर ही से मैं मोहज़्ज़ब हूँ By Sher << कफ़-ए-ख़िज़ाँ पे खिला मैं... ये आज कौन सी तक़्सीर हो ग... >> उस के डर ही से मैं मोहज़्ज़ब हूँ मेरे अंदर जो एक वहशी है Share on: