उस की आँखों के वस्फ़ क्या लिक्खूँ By Sher << जलता रहा हूँ ज़ीस्त के दो... हम ग़ुलामी को मुक़द्दर की... >> उस की आँखों के वस्फ़ क्या लिक्खूँ जैसे ख़्वाबों का बे-कराँ ठहराओ Share on: