उस की गलियों में रहे गर्द-ए-सफ़र की सूरत By Sher << नया यूँ है कि अन-देखा है ... वक़्त रुक रुक के जिन्हें ... >> उस की गलियों में रहे गर्द-ए-सफ़र की सूरत संग-ए-मंज़िल न बने राह का पत्थर न हुए Share on: