उसे पता है कि रुकती नहीं है छाँव कभी By Sher << तितलियाँ जुगनू सभी होंगे ... हमें हमारी अनाएँ तबाह कर ... >> उसे पता है कि रुकती नहीं है छाँव कभी तो फिर वो अब्र को क्यूँ साएबाँ समझता है Share on: