उसी दरख़्त को मौसम ने बे-लिबास किया By Sher << मुझे पता है मोहब्बत में क... चाँद ख़ामोश जा रहा था कही... >> उसी दरख़्त को मौसम ने बे-लिबास किया मैं जिस के साए में थक कर उदास बैठा था Share on: