उस्ताद कोई ज़ोर मिला क़ैस को शायद By Sher << उस्तुख़्वाँ-बंदी-ए-अल्फ़ाज... उस ने गाली मुझे दी हो के ... >> उस्ताद कोई ज़ोर मिला क़ैस को शायद ली राह जो जंगल की दबिस्ताँ से निकल कर Share on: