उट्ठी हैं मेरी ख़ाक से आफ़ात सब की सब By Sher << पहन कर जामा बसंती जो वो न... की मिरे क़त्ल के बाद उस न... >> उट्ठी हैं मेरी ख़ाक से आफ़ात सब की सब नाज़िल हुई न कोई बला आसमान से Share on: