वादे पे तुम न आए तो कुछ हम न मर गए By Sher << भलाई ये कि आज़ादी से उल्फ... अब चमन में भी किसी सूरत स... >> वादे पे तुम न आए तो कुछ हम न मर गए कहने को बात रह गई और दिन गुज़र गए Share on: