वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत By Sher << रौशन भी करोगे कभी तारीकी-... हम ने माना कि तग़ाफ़ुल न ... >> वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यूँ करें हम Share on: