वहाँ भी मुझ को ख़ुदा सर-बुलंद रखता है By Sher << वक़्त जब करवटें बदलता है वो माह जल्वा दिखा कर हमें... >> वहाँ भी मुझ को ख़ुदा सर-बुलंद रखता है जहाँ सरों को झुकाए ज़माना होता है Share on: