वहाँ पहले ही आवाज़ें बहुत थीं By Sher << वो एक दिन जो तुझे सोचने म... उस से कहना की धुआँ देखने ... >> वहाँ पहले ही आवाज़ें बहुत थीं सो मैं ने चुप कराया ख़ामुशी को Share on: