वक़्त को क्यूँ भला बुरा कहिए By Sher << शैख़-जी गिर गए थे हौज़ मे... मिरी शराब का शोहरा है अब ... >> वक़्त को क्यूँ भला बुरा कहिए तुझ को होना ही था जुदा हम से Share on: