वक़्त ऐसा भी तिरे शौक़ में हम पर आया By Sher << हुस्न इक दरिया है सहरा भी... मस्जिद में गर गुज़र न हुआ... >> वक़्त ऐसा भी तिरे शौक़ में हम पर आया सर उठाने भी न पाए थे कि पत्थर आया Share on: