वरा-ए-फ़र्रा-ए-फ़रहंग देखो रंग-ए-सुख़न By Sher << लम्हा लम्हा बिखर रहा हूँ ... अपनी आहट पे चौंकता हूँ मै... >> वरा-ए-फ़र्रा-ए-फ़रहंग देखो रंग-ए-सुख़न अबुल-कलाम नहीं मैं अबुल-मअानी हूँ Share on: