वस्ल में भी न गई छेड़ यही कहता रह By Sher << वो ताब-ओ-तवाँ कहाँ है यार... वस्ल की शब का मज़ा होता ह... >> वस्ल में भी न गई छेड़ यही कहता रह कि तुझे ऐसा भुला दूँ कि बहुत याद करे Share on: