वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है By Sher << तुम से मिल कर मैं उस को भ... ये भी हुआ कि फ़ाइलों के द... >> वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है मज़ा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में Share on: