वतन की पासबानी जान-ओ-ईमाँ से भी अफ़ज़ल है By Sher << वो आ रहे हैं वो आएँगे आ र... वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियाँ ... >> वतन की पासबानी जान-ओ-ईमाँ से भी अफ़ज़ल है मैं अपने मुल्क की ख़ातिर कफ़न भी साथ रखता हूँ Share on: