विदाअ ओ वस्ल में हैं लज़्ज़तें जुदागाना By Sher << किसी के हाथ तो लगता नहीं ... वही है रंग अभी तक जिगर के... >> विदाअ ओ वस्ल में हैं लज़्ज़तें जुदागाना हज़ार बार तू जा सद-हज़ार बार आ जा Share on: