वो चीज़ जिस के लिए हम को हो बहिश्त अज़ीज़ By Sher << कूचा-ए-यार में रहने से नह... वाइज़ो छेड़ो न रिंदों को ... >> वो चीज़ जिस के लिए हम को हो बहिश्त अज़ीज़ सिवाए बादा-ए-गुलफ़ाम-ए-मुश्क-बू क्या है save for fragrant flavoured wine, what else can it be that for which we paradise persistently pursue Share on: