वो फूल जो मिरे दामन से हो गए मंसूब By Sher << पा कर भी तो नींद उड़ गई थ... दर्द हो तो दवा करे कोई >> वो फूल जो मिरे दामन से हो गए मंसूब ख़ुदा करे उन्हें बाज़ार की हवा न लगे Share on: