वो गले से लिपट के सोते हैं By Sher << किस से महरूमी-ए-क़िस्मत क... मैं तो सुनता हूँ तुम्हें ... >> वो गले से लिपट के सोते हैं आज-कल गर्मियाँ हैं जाड़ों में Share on: