वो आइना हूँ जो कभी कमरे में सजा था By Sher << शायद वो संग-दिल हो कभी मा... हम ने तो दरीचों पे सजा रक... >> वो आइना हूँ जो कभी कमरे में सजा था अब गिर के जो टूटा हूँ तो रस्ते में पड़ा हूँ Share on: