वो इस कमाल से खेला था इश्क़ की बाज़ी By Sher << वो जो दरिया के बीच रहता ह... तुम्हारी याद बढ़ी और दिल ... >> वो इस कमाल से खेला था इश्क़ की बाज़ी मैं अपनी फ़तह समझता था मात होने तक Share on: