वो कब सुनने लगे क़ासिद मगर यूँ ही सुना देना By Sher << वो क्या गए कि नींद भी आँख... वो जिन के पाँव छूने को झु... >> वो कब सुनने लगे क़ासिद मगर यूँ ही सुना देना मिला कर दूसरों की दास्ताँ में दास्ताँ मेरी Share on: