वो मुझ को देखने मेरे क़रीब आया है By Sher << यानी दरवाज़ा भी इक इस्म ह... वो दरमियान से निकला तो ये... >> वो मुझ को देखने मेरे क़रीब आया है ये धुँद सारे महीनों में क्यूँ नहीं पड़ती Share on: