वो सिर्फ़ मैं हूँ जो सौ जन्नतें सजा कर भी By Sher << हर आन आ मुझी को सताते हो ... तुम्हारे ख़्वाब से हर शब ... >> वो सिर्फ़ मैं हूँ जो सौ जन्नतें सजा कर भी उदास उदास सा तन्हा दिखाई देने लगे Share on: