वो सुन रहा है मिरी बे-ज़बानियों की ज़बाँ By Sher << जो ज़िंदगी की माँग सजाते ... आप के दुश्मन रहें वक़्फ़-... >> वो सुन रहा है मिरी बे-ज़बानियों की ज़बाँ जो हर्फ़-ओ-सौत-ओ-सदा-ओ-ज़बाँ से पहले था Share on: