वो तो कहिए आज भी ज़ंजीर में झंकार है By Sher << तमाम दिन की तलब राह देखती... काबा जाने की हवस शैख़ हमे... >> वो तो कहिए आज भी ज़ंजीर में झंकार है वर्ना किस को याद रह जाती है दीवानों की बात Share on: