'वसीम' ज़ेहन बनाते हैं तो वही अख़बार By Sher << एक चेहरा तिरा देखने के लि... धुएँ की रेल चली मंज़रों म... >> 'वसीम' ज़ेहन बनाते हैं तो वही अख़बार जो ले के एक भी अच्छी ख़बर नहीं आते Share on: