मेरे अशआ'र से मज़मून-ए-रुख़-ए-यार खुला By Sher << तुम अपने दरिया का रोना रो... तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी... >> मेरे अशआ'र से मज़मून-ए-रुख़-ए-यार खुला बे-अहादीस नहीं मतलब-ए-क़ुरआँ निकला Share on: