वो बड़ा था फिर भी वो इस क़दर बे-फ़ैज़ था By Sher << शायद किसी की याद का मौसम ... दिल तो रोता रहे ओर आँख से... >> वो बड़ा था फिर भी वो इस क़दर बे-फ़ैज़ था उस घनेरे पेड़ में जैसे कोई साया न था Share on: