वो दौर अब कहाँ कि तुम्हारी हो जुस्तुजू By Sher << अब्र-ए-नैसाँ की भी झड़ जा... मैं पहले बे-बाक हुआ था जो... >> वो दौर अब कहाँ कि तुम्हारी हो जुस्तुजू इस दौर में तो हम को ख़ुद अपनी तलाश है Share on: