वो करम हो कि सितम एक तअल्लुक़ है ज़रूर By Sher << सिर्फ़ माने थी हया बंद-ए-... इस दिल में तो ख़िज़ाँ की ... >> वो करम हो कि सितम एक तअल्लुक़ है ज़रूर कोई तो दर्द-ए-मोहब्बत का अमीं होता है Share on: