वो साड़ी ज्यूलरी के तहाइफ़ पे थी ब-ज़िद By Sher << वो तीस साल से है फ़क़त बी... वो अफ़तारी से पहले चखते च... >> वो साड़ी ज्यूलरी के तहाइफ़ पे थी ब-ज़िद हम सौ रूपे की शाल से आगे नहीं गए Share on: