वो शाख़ बने-सँवरे वो शाख़ फले-फूले By Sher << ये आँसू ये पशेमानी का इज़... वो ख़्वाब क्या था कि जिस ... >> वो शाख़ बने-सँवरे वो शाख़ फले-फूले जिस शाख़ पे धूप आए जिस शाख़ को नम पहुँचे Share on: