याद आई है तो फिर टूट के याद आई है By Sher << इब्न-ए-मरयम हुआ करे कोई फूंके देता है किसी का सोज... >> याद आई है तो फिर टूट के याद आई है कोई गुज़री हुई मंज़िल कोई भूली हुई दोस्त Share on: