याद करना हर घड़ी तुझ यार का By Sher << सिया है ज़ख़्म-ए-बुलबुल ग... ज़िंदा हूँ कि मरना मिरी क... >> याद करना हर घड़ी तुझ यार का है वज़ीफ़ा मुझ दिल-ए-बीमार का Share on: