यादों के नक़्श घुल गए तेज़ाब-ए-वक़्त में By Sher << ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा क्या कह दिया ये आप ने चुप... >> यादों के नक़्श घुल गए तेज़ाब-ए-वक़्त में चेहरों के नाम दिल की ख़लाओं में खो गए Share on: