यादों की रेल और कहीं जा रही थी फिर By Sher << कोई ऐसी दवा दे चारा-गर उस ने इतना किया नज़र-अंदा... >> यादों की रेल और कहीं जा रही थी फिर ज़ंजीर खींच कर ही उतरना पड़ा मुझे Share on: