यार ने ख़त्त-ओ-कबूतर के किए हैं टुकड़े By Sher << ज़ुल्फ़ ओ अबरू ने तो ऐ जा... उखड़ी बातों से उस की साबि... >> यार ने ख़त्त-ओ-कबूतर के किए हैं टुकड़े पुर्ज़े काग़ज़ के करें जम्अ' कि पर जम्अ' करें Share on: